Tuesday, December 15, 2009

कुछ तेरा-कुछ मेरा

खुलते हैं ख्वाब मेरे आँखों में तेरी

बहती हैं धड़कने मेरी सांसों में तेरी

बनती हैं तकदीर मेरी हथेलियों में तेरी

बसती हैं तमन्नाएँ मेरी दुआओं में तेरी.....