Sunday, April 12, 2009

मोटिवेशनल फैक्टर

वो एक सरकारी योजना में गाँव के लिए स्वास्थय कार्यकर्ता बन गई थी। अपना ही गाँव, वहीं रहना और कामकरना, जितना करना उतना पैसा मिल जाना। इससे अच्छा और क्या था। वैसे भी कपड़े सिलते - सिलते, लोगों केघरों में काम करते हुए अपना और तीन बच्चों का पेट पालना सरल तो नहीं था, जो इस काम को करने काफैसला क्या सही रहता ? आदमी तो कब का छोड़ कर भाग गया था...

ट्रे
निंग ले ली थी। काम शुरू कर दिया था। करना क्या था , बस यही की जिनके ज़्यादा औलाद हो उनको नसबंदीकराने के लिए कहना और ले भी जाना या कभी- कभी जचगी की औरत को अस्पताल में बच्चा पैदा करने के लिएकहना और साथ जाना वैसे ये इतना भी सरल काम था, फिर भी हाँ कर दी और काम शुरूकर दिया था। लोगोंको समझाते, उनके पीछे पड़ते- पडाते ,करते- कराते तीन साल बीत गए। पैसा भी आने लगा और धीरे- धीरे कामपर पकड़ बन गई

जिले पर कुछ एम बी करे अधिकारी लोगों की भरती हो गई थी जिससे सरकारी काम में कुछ काम दिखे। उनलोगों ने अच्छा काम करने वालों की खोज शुरू कर दी। या ऐसा कहें की कुछ केस स्टडीज की बात होने लगी थी।ऐसे ही लोगों की गिनती में वो भी गई। उससे पूछा गया की उसने क्या- क्या किया? पता चला की बहुत नसबंदीकराई हैं। बात ऊपर तक पहुँची। ऊपर वाले भी सोच में पड़ गए। रेकॉर्ड्स की जांच के लिए कहा गया। कई- कईतरह के लोग उस तक आने लगे। उसका फ़ोन नम्बर भी लोगों तक पहुँच गया.

एक दिन बड़ी महिला अधिकारी का
फ़ोन गया। अधिकारी महिला ने पूछा ,' कितने केस किए ?
दो सो के लगभग .... साहब ... साहब .....आप किसलिए सवाल कर रहे हैं..... मैंने अपने कुछ केस बाँट
दिए थे....नर्सको भी दे दिए थे... कोई ग़लत काम कर दिया है क्या..... साहब मैं लोगों को घर तक छोड़ कर आती हूँ.. ऑपेरशन केबाद भी उनका पूरा ख्याल रखती हूँ..... मैं बस औलाद का पेट पाल रही हूँ .. सच कहूं रही हूँ .... अब क्या करती .. जब एक केस पे पैसे मिले , लालच गया ... फिर दो फिर तीन ... पैसे मिलते गए... लालच बढता गया... आप जोकहेंगी कर दूँगी ...."

उसकी आवाज़ में याचना गई थी जैसे कोई गुनाह हो गया हो। उसे क्या पता था की उसके पेट की आग ने उससेवोकरवा
दिया था जिसे की अचिएवेमेंट कहा गया वो तो बस लालच में करती जा रही यही लालच उसकामोटिवेशनल फैक्टर बन गया था और वो केस पे केस बढाती जा रही थी मैनेजमेंट ज्ञानी लोग 'मोटिवेशन ' केसिद्धांतों में उलझ रहे थे

3 comments:

  1. kahani badiya hai.
    thoda meditate karoonga ispe to shayad samajh main aa jaye.

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  2. sahi hai boss, galat line mein aa gaye ho, mana ki poet and writters are not earning good but you should have opted it. Kuch Hasya Vyang par bhi likhti ho kya. If yes then do let me know, I will be happy to surf.

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  3. very nice story of Achivement. thanks

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